Monday, December 23, 2013

मेरी बेटी



तेरी प्यारी बाते सुनके
मिट जाती मेरी थकान |
मेरी प्यारी गुडिया तू है
अपने पापा कि जान ||

छोटी -२ उंगलियों से
पकड़ के मेरा हाथ |
मुझसे कहती पापा तुम
मुझे भी ले चलो साथ ||

रोज मेरे आने पर
भाग कर दरवाजा खोलती |
आँखों से कर लेती बाते
मुह से कुछ ना बोलती ||

रोज मुझसे कहती
पापा ऑफिस क्यों जाते हो |
जब आप चले जाते हो तो
मुझे याद बहुत आते हो ||

नन्हे नन्हे पैरो से
सारे घर मे वो भागे |
तुझे पकड़ने को दोडू
पर तू रहे हमेशा आगे ||

रोज तू मुझसे पूछे
ना जाने कितने सवाल |
जवाब देते देते मेरा भी
हो जाता है बुरा हाल ||

बाय करे मुझसे ओर कहे
पापा जल्दी आना |
पर आते हुए आप मेरी
चोकलेट जरुर ले आना ||

कभी अगर हो उदास तू
घर मे सन्नाटा छा जाए |
सब कुछ लगे सूना सूना
किसी को कुछ ना भाए ||

तेरे मासूम से चेहरे पर
सदा खिली रहे मुस्कान |
मेरी प्यारी गुडिया तू है
अपने पापा कि जान ||

गाँव का बचपन



बारिश के बाद
मिटटी की सोंधी खुशबू
लहलहाते खेत
ओर ठंडी हवाए |

मत जाना तू
लौट कर परदेश
लगता है ये कहके
सब मुझे बुलाये ||

जिन्दगी की भागदोड़ मे
सब पीछे छुट गया
खो गया बचपन
ओर गाँव भी छुट गया |

अब एक मेहमान बनकर
यहाँ आता हू लगता है
भीड़ मे अकेला
खुद को पाता हू लगता है ||

चूल्हे पे बनी रोटी
वही बैठ कर खाना
पेट भरने के बाद भी
एक ओर रोटी खाना |

वो सर्दियों मे गन्ने
खेत से चुन के लाना
मेरे कोई ना ले ले
इस डर से थोड़े छुपाना ||

हांड़ी मे बनी सब्जी का
स्वाद अभी बाकी है
कोल्हू के ताजे गुड की
मिठास अभी बाकी है |

मन करता है कि
फिर से छोटा हो जाऊ
ओर अपने गाँव मे
अपना बचपन जी पाऊ ||

एक नयी सुबह



एक नयी सुबह
एक नया एहसास
लहता है जैसे तुम
यही हो मेरे पास |

अलसाई आँखों से
ढूंढता हू तुझे
फिर तन्द्रा टूटती है
तो खोजता हू तुझे |

खिड़की से आती किरने
बतलाती है मुझे
क्यों ढूंढता है उन यादो को
जो सताती है तुझे |

मैंने कहा जीवन
यादो से ही चलता है
तभी तो आँखों मै
उसका सपना पलता है |

जिसने कुछ खोया नहीं
वो मेरा गम कैसे जानेगा
गर लगी चोट कभी दिल पे
तब ही हकीकत मानेगा |

चल उठ “संदीप”
तुझे अकेले ही चलना है
जिन्दगी का सफ़र आगे
तन्हा पूरा करना है |

Tuesday, August 13, 2013

वो तंज कसते रहते है मेरी हर बात पर |

वो तंज कसते रहते है मेरी हर बात पर |
में अपने जज्बातों को हँसी में ढाल लेता हु ||

वो कोई मोका नहीं छोड़ते मुझे रुसवा करने का |
मगर गिरकर भी मै खुद को संभाल लेता हु ||

Monday, June 24, 2013

उत्तराखंड में फसे लोगो की त्रासदी

प्रक्रति का भयानक प्रकोप तो उत्तराखंड झेल ही रहा है परन्तु वह फसे लोगो को प्रक्रति के साथ -२ मनुष्यों का प्रकोप भी झेलना पड़ रहा है | वहा पर उनकी सहायता केवल सेना या आई टी बी पी के जवान ही कर रहे है | स्थानीय प्रसाशन बिलकुल नदारद है |

कुछ दिनों से अखबारों में छपी खबरे पढ़कर मन विचलित हो गया | लोग लाशो में से भी पैसे, मोबाइल निकल रहे है लूट खसोट रहे है मरे हुए लोगो को | हाय रे प्रभु तेरी लीला | आज अख़बार में पढ़ा की वह फसे लोगो को निकालने के लिए जो स्पेशल ट्रेन चलाई गयी है उसमे भी लोगो को बिना टिकट लिए चढ़ने नहीं दिया गया |

सोचने की बात ये है की उन लोगो के शरीर पर कपडे भी लेश मात्र बचे है वो किराया कहा से देंगे , वाह रे हमारा प्रसाशन ! मानवता तो ख़त्म हो ही ली है | वहां फसे लोगो को पारले जी का ५ रूपये का पैकेट १०० रूपये में रोटी २०० रूपये में !!
हाय रे इंसानों तुमसे अच्छे तो जानवर ही है, कुछ तो शर्म करो !!!!!!

Tuesday, June 11, 2013

अपना दिल भी बच्चा लगता है |

लू के थपेड़ो के बीच ठंडी हवा का झोका
अच्छा लगता है |
कभी -२ किसी की हँसी की खातिर झूट भी
सच्चा लगता है |
यु तो समय की आंधियो में झुर्रियो के साथ
पक चुके है बाल भी |
फिर भी कही किसी कोने में अपना दिल भी
बच्चा लगता है |

Wednesday, May 8, 2013

बेरुखी

कैसी बेरुखी है ये तेरी |
कैसी इजहारे मुहब्बत ||

ना तो मिलने से सुकून |
न दूर जाने से करार ||

Friday, March 22, 2013

बड़ी उदास हो गयी है महफ़िल

बड़ी उदास हो गयी है महफ़िल |
कोई नहीं आता अब इस तरफ ||

ख़ामोशी गवारा नहीं है मुझे |
कोई तो शोर हो अब इस तरफ ||

Friday, March 1, 2013

मजबूर कुछ इस तरह से हुए

मजबूर कुछ इस तरह से हुए की बता भी ना सके हम |
कितना चाहा था तुझे जरा सा भी जता ना सके हम ||

तेरी चाहत ओर तेरी आरजू रही हमेशा इस दिल में |
पहरा दुनिया ने लगा दिया तो पास आ ना सके हम ||

Wednesday, February 27, 2013

बरसो बाद तुमको देखा

बरसो बाद तुमको देखा तो एहसास हुआ |
कुछ रिश्ते टूटने के बाद ओर मजबूत हो जाते है ||

Saturday, February 23, 2013

हिसाब

जिंदगी जब गुनाहों का हिसाब माँगेगी |
अच्छे या बुरे किये का जवाब माँगेगी ||

आ ही जायेगा तेरा भी नाम बीच में |
जब वो मेरी चाहतो का हिसाब माँगेगी ||

Thursday, February 21, 2013

एहसास

वो एहसास नहीं हू मै जो लफ्जो में बया हो जाऊ |
महसूस कर मुझे फिर देख कैसे में फ़ना हो जाऊ ||

Monday, February 18, 2013

कभी हम कहे कभी तुम कहो

कभी हम कहे कभी तुम कहो |
यू ही गुजरते रहे ये पल ||

आज को जी लो जी भर के |
क्या पता हो ना हो कल ||

Saturday, February 16, 2013

महंगाई

पेट्रोल डीजल फिर बढ़ा महंगी हो गयी प्याज |
फिर भी महंगाई काबू में बूझो क्या है राज ||

Friday, February 1, 2013

ख्याल


अभी २ याद आया इक सवाल उसका |
लगता है कही अटका है ख्याल उसका ||

Thursday, January 31, 2013

चेहरे पै ओढ़ रक्खी है नकाब लोगो ने

चेहरे पै ओढ़ रक्खी है नकाब लोगो ने |
दिल का हाल किसी को बताया ना करो ||

अपनापन इक दिखावा रह गया है महज |
हमदर्द किसी को ऐसे ही बनाया ना करो ||

Wednesday, January 30, 2013

साथ

साथ रहके भी अजीब सी दूरी रहती है अब |
कभी दूर रह के तरसते थे साथ के लिए ||

बाते करने को भी कोई बात ना रही अब|
कभी वक्त कम रहता था इक बात के लिए ||

Tuesday, January 22, 2013

कैफियत मेरी

तुझे चाह के भी नहीं चाह पाता हूँ |
ये चाहत अजीब है या कैफियत मेरी ||

Friday, January 18, 2013

हँस लो है जीवन छोटा सा



ताक पर रख दो चिंताए |
खूंटी पै टांग दो परेशानी ||

कुछ नहीं स्थिर दुनिया में |
हर चीज है आनी जानी ||

व्यर्थ में क्यों रोते हो |
रोने से ना कुछ पाओगे ||

हँस लो है जीवन छोटा सा |
वरना रो रो मर जाओगे  ||