Thursday, January 31, 2013

चेहरे पै ओढ़ रक्खी है नकाब लोगो ने

चेहरे पै ओढ़ रक्खी है नकाब लोगो ने |
दिल का हाल किसी को बताया ना करो ||

अपनापन इक दिखावा रह गया है महज |
हमदर्द किसी को ऐसे ही बनाया ना करो ||

Wednesday, January 30, 2013

साथ

साथ रहके भी अजीब सी दूरी रहती है अब |
कभी दूर रह के तरसते थे साथ के लिए ||

बाते करने को भी कोई बात ना रही अब|
कभी वक्त कम रहता था इक बात के लिए ||

Tuesday, January 22, 2013

कैफियत मेरी

तुझे चाह के भी नहीं चाह पाता हूँ |
ये चाहत अजीब है या कैफियत मेरी ||

Friday, January 18, 2013

हँस लो है जीवन छोटा सा



ताक पर रख दो चिंताए |
खूंटी पै टांग दो परेशानी ||

कुछ नहीं स्थिर दुनिया में |
हर चीज है आनी जानी ||

व्यर्थ में क्यों रोते हो |
रोने से ना कुछ पाओगे ||

हँस लो है जीवन छोटा सा |
वरना रो रो मर जाओगे  ||
 

भीड़ में शायद कही खो गया हू लगता है



भीड़ में शायद कही खो गया हूँ लगता है
न उठूँगा कुछ इस तरह सो गया हूँ लगता है |

कोशिश तो बहुत की पहचान बनाने की
इच्छाए तो थी पता नहीं क्या क्या पाने की  |

पर हर चाह कब किसी की पूरी होती है
हर नाकामी के पीछे एक मजबूरी होती है |

वैसे तो कभी भी हार नहीं मानता हूँ में
क्यूकि खुद को अच्छी तरह जनता हूँ में |

अपनी नाकामी पर अफ़सोस तो होता है
कभी -२ मन एकांत में चुपके से रोता है |

पर हार शाम के बाद सवेरा आता है
करके अँधेरा दूर संग रौशनी लाता है |

कह दो इन नाकामियों से डरता नहीं हूँ मे
दुनिया वालो की परवाह करता नहीं हूँ में |

कल अपनी दुनिया खुद ही बनाऊंगा में
ओर अपने ख्वाबो से फिर उसे सजाऊंगा में |

Friday, January 11, 2013

नेता बनते ही देखो बदली प्यारे की चाल

चोर हुए बिंदास ओर लोग हुए बेहाल |
नेता बनते ही देखो बदली प्यारे की चाल ||

भूल गया जनता को ओर भूला अपना वादा |
इसका पेट भरने में आम आदमी रह गया आधा ||

Thursday, January 10, 2013

बिखरी बिखरी सी अब जिंदगी हो गयी है



बिखरी बिखरी सी अब जिंदगी हो गयी है
शायद किसी की अब कमी हो गयी है |

चैन ओ सुकून खो गया हैं कही पर
दिल में एक अजीब सी बेकली हो गयी है |

गम में भी मुस्कुराया करते थे मेरे लब 
उनकी मुस्कराहट अब जाने कहा खो गयी है |

टूट कर यू रोया आज मुद्दतों के बाद में
जैसे हर उम्मीद अब खत्म हो गयी है |

वक्त का तकाजा था या यही किस्मत में था
हर एक मेरी चीज जाने कही गुम हो गयी है |

Monday, January 7, 2013

महफिले भी सुनसान बहुत है



जरा संभल के चलना ए दोस्त|
इश्क के रस्ते में इम्तिहान बहुत है ||

दूर से तो जगमगाती है मंजिले |
पर यहाँ तो महफिले भी सुनसान बहुत है ||

Friday, January 4, 2013

नयी जान दी है



मुसीबतों ने हौसलों को उड़ान दी है |
तेरे जख्मो ने मुझे नयी जान दी है ||

ओर सता मुझे जी भर के तू |
तेरे सितमो ने मुझे नयी पहचान दी है ||