साथ रहके भी अजीब सी दूरी रहती है अब |
कभी दूर रह के तरसते थे साथ के लिए ||
बाते करने को भी कोई बात ना रही अब|
कभी वक्त कम रहता था इक बात के लिए ||
कभी दूर रह के तरसते थे साथ के लिए ||
बाते करने को भी कोई बात ना रही अब|
कभी वक्त कम रहता था इक बात के लिए ||
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ये थी मेरे मन की बात, आपके मन में क्या है बताए :